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विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक जलवायु, युद्ध और आर्थिक मुद्दों पर पांच दिनों की गहन चर्चा के बाद शुक्रवार को समाप्त हुई। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के संस्थापक व कार्यकारी चेयरमैन क्लॉल श्वाब ने वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक संकट के बीच भारत को एक चमकता सितारा बताया है। उन्होंने कहा कि भारत को जी-20 की अध्यक्षता ऐसे महत्वपूर्ण समय पर मिली है, जब इस बंटी हुई दुनिया के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व महत्वपूर्ण है। पांच दिवसीय बैठक में चार केंद्रीय मंत्रियों और एक मुख्यमंत्री सहित लगभग 100 भारतीय नेताओं व प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने भाग लिया।
डब्ल्यूईएफ की ओर से जारी बयान के अनुसार श्वाब ने कहा कि भारत जी-20 की अध्यक्षता के दौरान सभी के लिए एक न्यायसंगत और समान विकास को बढ़ावा देने के साथ घरेलू चुनौतियों के मोर्चे पर भी महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है। डब्ल्यूईएफ की वार्षिक बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब कई संकटों ने विभाजन को गहरा कर दिया है। मंच भारत के साथ अपने 38 वर्ष के सहयोगी इतिहास को महत्व देता है और उम्मीद करता है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में जी-20 की भारत की अध्यक्षता में मददगार साबित होगी।
डब्ल्यूईएफ के अध्यक्ष बोर्गे ब्रेंडे ने अपने समापन संबोधन में कहा कि जलवायु कार्रवाई और विकास के समान लक्ष्यों पर उल्लेखनीय प्रगति के साथ यह आयोजन संपन्न हुआ। सोमवार को शुरू हुई इस बैठक में कई राष्ट्राध्यक्षों ने विशेष संबोधन दिया। इस दौरान राजनीति, व्यापार, शिक्षा जगत और सिविल सोसाइटी के लीडर पैनल में शामिल हुए चर्चा की। बैठक का विषय 'एक खंडित दुनिया में सहयोग' था। ब्रेंडे ने कहा कि आज दुनिया भले ही खंडित हो लेकिन यहां उम्मीदें उभरी हैं।
क्लॉल श्वाब ने कहा कि मुझे भारतीय मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल और उसके कई शीर्ष उद्योग प्रमुखों से मिलने का मौका मिला। मैं नवीकरणीय ऊर्जा के लिए भारत की निर्णायक कार्रवाई, वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल में उसके योगदान, महिलाओं के नेतृत्व वाली वृद्धि पर जोर और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के लिए भारत के नेतृत्व की सराहना करता हूं।
समापन सत्र के दौरान आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि विश्व के नेताओं को उनका संदेश व्यावहारिक होना और सहयोग करना है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि विखंडन वैश्विक अर्थव्यवस्था को 7 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा सकता है।
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