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नोबेल शांति पुरस्कार 2022 का एलान कर दिया गया है। इस बार एक व्यक्ति व दो संस्थाओं को नोबेल का शांति पुरस्कार दिया जाएगा। बेलारूस के मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की (Ales Bialiatski) के अलावा दो संस्थाओं मेमोरियल (Memorial) और सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज (Center for civil Liberties) के नामों का एलान किया गया है। इमनें मेमोरियल रूस में कार्यरत है तो सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज यूक्रेनी संस्था है।
इन शांति पुरस्कार विजेताओं ने युद्ध अपराधों, मानवाधिकारों के हनन और सत्ता के दुरुपयोग का दस्तावेजीकरण किया। साथ ही शांति व लोकतंत्र की स्थापना के लिए नागरिक समाज के महत्व पर जोर दिया। विजेताओं ने अपने देश में वर्षों से आलोचना के अधिकार के साथ ही जनता के मूल अधिकारों की वकालत की।
कौन हैं एलेस बियालियात्स्की?
बेलारूसी मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की 1980 के दशक में लोकतांत्रिक आंदोलन शुरू करने वालों में से एक हैं। 1996 में उन्होंने Viasna संगठन की स्थापना की। उन्होंने सारा जीवन राजनीतिक कैदियों के खिलाफ होने वाले अत्याचारों, देश में लोकतंत्र की स्थापना और शांतिपूर्ण विकास के लिए समर्पित किया।
मेमोरियल के बारे में जानिए
पूर्व सोवियत संघ के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की ओर से 1987 में इस संस्था की स्थापना की गई थी। संस्था का मुख्य उद्देश्य कम्युनिस्ट शासन के पीड़ित लोगों की मदद करना व चेचन्या युद्ध में किए गए अत्याचारों की आवाज दुनिया तक पहुंचाना था।
क्या है द सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज
यूक्रेनी नागरिक समाज को संगठित व मजबूत करने के लिए इस संस्था की स्थापना की गई। फरवरी, 2022 मे रूसी हमले के बाद इस संस्था ने रूसी युद्ध अपराधों की पहचान करने और उनके खिलाफ सबूत इकट्ठा करने का काम किया।
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