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गुजरात हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए ओरेवा ग्रुप ने मोरबी हादसे में अंतरिम मुआवजे की राशि जमा कर दी है। ओरेवा ने मंगलवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ए जे देसाई और न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव की बेंच को सूचित किया कि उसने त्रासदी के पीड़ितों के लिए 14.62 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण में जमा करा दी है।
मृतकों को दिए जाएंगे 10 लाख रुपए
अदालत ने गुजरात राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्यों को निर्देशित किया कि पीड़ितों के उचित सत्यापन के बाद अधिकारियों के माध्यम से अंतरिम मुआवजे का वितरण सुनिश्चित किया जाए। 22 फरवरी को अदालत ने आदेश दिया था कि 135 मृतकों के परिजनों को अंतरिम मुआवजे के रूप में 10 श कालीन झूला पुल गिर गया था। हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी। ओरेवा ग्रुप ब्रिटिश काल की संरचनाओं के संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार है। कंपनी ने मुआवजा राशि जमा करने के साथ-साथ प्रस्ताव दिया है कि हादसे में अनाथ हुए सातों बच्चों की शिक्षा, इलाज और रहने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। लाख रुपए और दुर्घटना में घायल हुए सभी 56 लोगों को 2 लाख रुपए दिया जाए। राज्य सरकार ने बताया कि 11 अप्रैल को उसने मोरबी नगरपालिका को भंग कर दिया है।
ओरेवा ग्रुप ई-बाइक, घरेलू उपकरणों और घड़ियों का निर्माण करती है। कंपनी के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल को मुख्य आरोपी बनाया गया है। इसके अलावा पटेल सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में ही हैं।
यह है पूरा मामला
गुजरात के मोरबी में पिछले साल 30 अक्टूबर को ब्रिटिश कालीन झूला पुल गिर गया था। हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी। ओरेवा ग्रुप ब्रिटिश काल की संरचनाओं के संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार है। कंपनी ने मुआवजा राशि जमा करने के साथ-साथ प्रस्ताव दिया है कि हादसे में अनाथ हुए सातों बच्चों की शिक्षा, इलाज और रहने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी।
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