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Ganguly Shah BCCI Hearing: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने बुधवार को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) की उस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी जिसमें बीसीसीआई ने अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और सचिव जय शाह (Jay Shah) सहित अपने पदाधिकारियों के कार्यकाल के संबंध में संविधान में संशोधन का आग्रह किया था।
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने मामले को गुरुवार के लिए स्थगित कर दिया क्योंकि बीसीसीआई की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने सुनवाई स्थगित करने की मांग की थी। बिहार क्रिकेट संघ की ओर से पेश वकील ने कहा कि पदाधिकारी अपने कार्यकाल को जारी रखे हुए हैं जबकि तकनीकी रूप से उनका कार्यकाल खत्म हो चुका है।
पीठ ने कहा, ‘‘कल, एक दिन में कुछ नहीं होगा। जल्दी क्या है?’’
सुप्रीम कोर्ट आज सौरव गांगुली और जय शाह के बोर्ड में कार्यकाल पर BCCI की याचिका पर सुनवाई करेगा। बीसीसीआई ने पदाधिकारियों के लिए कूलिंग ऑफ पीरियड (BCCI cooling of period) में ढील देने के लिए एक आवेदन दायर किया था। आज मामला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई (BCCI Hearing) के लिए आया था। सौरव गांगुली और जय शाह दोनों पहले ही छह साल राज्य संघों और क्रिकेट बोर्ड में पदाधिकारियों के रूप में काम कर चुके हैं। बीसीसीआई के संविधान के अनुसार दोनों को अब तक अपने पद को खाली कर देने चाहिए थे
बीसीसीआई के वर्तमान संविधान के अनुसार, सौरव गांगुली और सचिव जय शाह को सितंबर में अनिवार्य तीन साल की कूलिंग-ऑफ पीरियड के के बाद अब पद को खाली करना होगा। ये दोनों और संयुक्त सचिव जयेश जॉर्ज, राज्य संघों और क्रिकेट बोर्ड में संयुक्त रूप से छह साल तक पदाधिकारियों के रूप में काम कर चुके हैं। बीसीसीआई हालांकि कूलिंग ऑफ क्लॉज में संशोधन चाहता है।
सौरव गांगुली 2014 में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के संयुक्त सचिव बने थे। उन्होंने एक साल बाद बंगाल राज्य संघ के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इसके बाद उन्होंने अक्टूबर 2019 में बीसीसीआई के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला था। बीसीसीआई के वर्तमान संविधान के अनुसार, गांगुली का छह साल का कार्यकाल 2020 में समाप्त हो चुका है।
जय शाह 2013 में गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारी बनेथे और वह छह साल बाद बीसीसीआई के सचिव के रूप में पदभार संभाल रहे हैं।
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